माजुली, असम का एक अनोखा नदी द्वीप, जहां इतिहास और संस्कृति का अद्भुत संगम है। 16वीं शताब्दी में जब श्रीमंत शंकरदेव ने यहां कदम रखा, तब यह असमिया नव-वैष्णव संस्कृति का केंद्र बन गया। माजुली का नाम भी इसी दौरान पड़ा। यह द्वीप कई प्राकृतिक घटनाओं से बना, जैसे भूकंप और नदियों का मार्ग परिवर्तन। 

आज, माजुली एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां आप वैष्णव मठों की सुंदरता, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और हस्तशिल्प का आनंद ले सकते हैं। रास महोत्सव यहां की जीवंतता को दर्शाता है। साइकिल चलाना, नाव की सवारी करना और पक्षियों को देखना यहां के अनुभव को और भी खास बनाता है। 

और हां, यहां की स्थानीय व्यंजन जैसे मछली की खट्टी करी और आलू पिटिका का स्वाद लेना न भूलें। माजुली की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल है। यह द्वीप सच में एक अद्भुत अनुभव है!